विश्व मधुमक्खी दिवस पर मधुमक्खी पालने पर दिया ऑनलाइन प्रशिक्षण




बीकानेर, 20 मई (सीके न्यूज/छोटीकाशी)। विश्व मधुमक्खी दिवस पर गुरुवार को स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय के कृषि विज्ञान केंद्र लूणकरणसर द्वारा मधुमक्खी पालने पर ऑनलाइन प्रशिक्षण दिया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि इसी विश्वविद्यालय के निदेशक प्रसार शिक्षा डॉ एस के शर्मा ने कोरोनाकाल में इस तरह के प्रशिक्षण आयोजन की सराहना करते हुए मधुमक्खी पालन की आवश्यकता तथा घटती कृषि जोत के परिदृश्य में मधुमक्खी पालन के महत्व पर प्रकाश डाला। केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डॉ आर के शिवरान ने उक्त तीन-दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में आयोजित किये जाने वाले व्याख्यानों के बारे में प्रशिक्षणार्थियों को जानकारी दी तथा मधुमक्खी पालन और उसके विभिन्न उत्पादों के बाजार मूल्य के बारे में भी बताया। केंद्र के कीट वैज्ञानिक डॉ केशव मेहरा ने 'मधुमक्खी पालन की शुरुवात कैसे करें' विषय पर व्याख्यान देते हुए मधुमक्खी पालन के लिए जगह का चुनाव, प्रजातियां और विभिन्न फसलों में उत्पादन वृद्धि के बारे में बताया। डॉ ऋ चा पंत, खाद्य एवं पोषण विभाग, विषय विशेषज्ञ ने 'मानव स्वास्थ्य में शहद का महत्व' विषय पर जानकारी देते हुए शहद के विभिन्न पोषण मूल्यों, एंटीबैक्टेरियल, एन्टिमिक्रोबिअल, एंटीसेप्टिक एवं एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर गुणों के बारे में बताया। साथ ही शुद्ध और मिलावटी शहद की पहचान के तरीके भी बताये। प्रथम दिवस के अंतिम तकनीकी सत्र में केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय इम्फाल के सह-आचार्य (कीट विज्ञान) डॉ श्रवण हलधर ने 'मधुमक्खी की प्रमुख प्रजातियों की पहचान' विषय पर विस्तृत जानकारी दी तथा बताया कि कैसे मधुमक्खी एक सामाजिक प्राणी है, जिसमें रानी मक्खी, नर और श्रमिक मक्खियों का बेहतरीन तालमेल देखने को मिलता है। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में 32 कृषक प्रशिक्षणार्थियों ने प्रतिभाग किया। कार्यक्रम के अंत में कृषकों के प्रश्नों का शंका-समाधान किया गया। यह प्रशिक्षण 22 मई तक प्रतिदिन प्रात: 11:00 बजे जारी रहेगा। विश्व मधुमक्खी दिवस मनाने का उद्देश्य पारिस्थितिकी तंत्र में मधुमक्खियों और अन्य परागणकों के महत्व व योगदान को स्वीकारना है। विश्व में खाद्य उत्पादन में मधुमक्खियों का बड़ा योगदान है। आधुनिक मधुमक्खी पालन की तकनीक का नेतृत्व करने वाले एंटोन जनसा के जन्म दिन 20 मई के उपलक्ष्य में मनाया जाता है।