Nrcc में अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस का आयोजन : ‘‘बदलते परिवेश में महिलाओं की हर क्षेत्र में अग्रणी भूमिका‘‘ सुशीला कँवर







बीकानेर 08 मार्च {CK NEWS/CHHOTIKASHI}: ICAR Women leadership in agriculture : entrepreneurship, equality and empowerment  -कृषि में भाकृअनुप महिला नेतृत्व: उद्यमशीलतासमानता और सशक्तिकरण की थीम पर भाकृअनुप-राष्ट्रीय उष्ट्र अनुसंधान केन्द्रबीकानेर में आयोजित अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर मुख्य अतिथि श्रीमती सुशीला  कँवर राजपुरोहितमहापौरनगर निगमबीकानेर ने अपने उद्बोधन पर कहा कि बदलते दौर में अधिकाधिक महिलाएँ नूतन एवं विविध क्षेत्रों में पदार्पण के अवसर उपलब्ध हैं। खुशी इस बात की है कि महिलाएं हर क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभाने की ओर तीव्रता से अग्रसर भी है। महापौर ने एनआरसीसी में अपने भ्रमण एवं उष्ट्र प्रजाति से जुड़ी इस संस्थान की उपलब्धियोंइसके वैष्विक महत्व एवं स्वच्छता पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि महिलाएं सशक्त होंगी तभी एक सशक्त भारत का निर्माण किया जा सकेगा। उन्होंने महिलाओं को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि मानव का सृजन करने वाली नारी शक्तिसकारात्मकता एवं निडरता के साथ आगे बढ़ेसमाज हर हाल में उसके साथ खड़ा होगा। 

कार्यक्रम के इस अवसर पर केन्द्र निदेशक एवं कार्यक्रम अध्यक्ष डॉ.आर्तबन्धु साहू ने महापौर के साथ सदन में उपस्थित सभी महिलाओं को इस विशेष दिवस की बधाई संप्रेषित करते हुए कहा कि वैश्विक स्तर पर महिलाओं के योगदान को परिभाषित करने हेतु इस दिवस के माध्यम से मुहिम चलाई जा रही है तथा उसी अनुसार कृषि मंत्रालयभारत सरकार द्वारा भी कृषि एवं पशुपालन के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान हेतु महिलाओं को प्रोत्साहित किया जाता है। डॉ. साहू ने खासकर ऊँट प्रजाति के रखरखाव में महिलाओं की भूमिका के संदर्भ में कहा कि उष्ट्र एवं उनके बच्चों के पालन-पोषण आदि में महिलाएं विशेष पारंगत होती है परंतु वे अपने योगदान को कभी मुखरित नहीं करती हैं। डॉ. साहू ने नारी शक्ति को प्रथम वरीयता प्रदान किए जाने की बात कही। केन्द्र निदेशक डॉ. आर्तबन्धु साहू ने कहा कि एनआरसीसी द्वारा ऊँटनी के दूध से विकसित विभिन्न दुग्ध उत्पाद तैयार किए गए हैंइनका प्रशिक्षण लेकर महिलाएं आत्मनिर्भर बनें। डॉ. साहू ने कहा कि परिषद के अन्य संस्थान- केन्द्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान संस्थानअविकानगर के साथ केन्द्र के एमओयू तहत ऊँटों की ऊन संबंधी प्रशिक्षण लेने हेतु इच्छुक महिलाओं को यह केन्द्रअपने स्तर पर एक माह का प्रशिक्षण अविकानगर में प्रदान करवा सकता है जिसके उपरांत लाभार्थी महिलाएं ऊँट की ऊन से बने उत्पादों को नाबार्ड द्वारा बनाए जा रहे आऊटलेट से विक्रय कर अतिरिक्त आय प्राप्त कर सकती है। 

 

महापौर द्वारा केन्द्र की वैज्ञानिक डॉ.  बी. ज्योत्सना को विज्ञान के क्षेत्र में लालिमा नामक क्लोन विकसित करने एवं वूमन पॉवर सोसायटी की जिला कार्यालय प्रभारी दीपिका त्रिवेदी को कोरोना काल में उत्कृष्ट सामाजिक सेवा हेतु पुरस्कृत भी किया गया। नाबार्ड, जयपुर के महा प्रबंधक डॉ.  टी. वेंकटकृष्णन ने एनआरसीसी द्वारा आयोजित महिला दिवस में शिरकत करते हुए कहा कि नाबार्ड, ऊँटों की घटती संख्या एवं सीमित उपयोग को देखते हुए इस प्रजाति के औषधीय दूध एवं दूध के उत्पादों के महत्व को देखते हुए संस्थान के साथ कार्य करने हेतु उत्सुक है। डॉ. वेंकटकृष्णन ने कृषि एवं पशुपालन के क्षेत्र में उद्यमिता विकास हेतु भी नाबार्ड के माध्यम से विभिन्न योजनाओं का लाभ उठाने हेतु महिलाओं को प्रेरित किया। केन्द्र की महिला प्रकोष्ठ प्रभारी डॉ. बी.ज्योत्सना ने बताया कि महिला दिवस के इस कार्यक्रम में 130 महिलाओं ने सहभागिता निभाई। इस अवसर पर महिलाओं हेतु ऊँटनी के दुग्ध दुहने की एवं कृषि/पषुपालन पर आधारित सामान्य ज्ञान प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया तथा विजेताओं को पुरस्कृत किया गया। साथ ही कोरोना काल में किए गए उत्कृष्ट उद्यमिता हेतु भी महिलाओं को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर महिलाओं को एनआरसीसी की पर्यटनीय सुविधाओं यथा- उष्ट्र संग्रहालयउष्ट्र बाड़ों एवं डेयरी आदि का भ्रमण भी करवाया गया।