आईएमसी की महत्वपूर्ण मीटिंग में ऊंट को औषधि भण्डार के तौर पर उपयोग में लाने, कैमल रेसिंग ट्रेक निर्माण पर चर्चा




बीकानेर, 18 मार्च (सीके न्यूज/छोटीकाशी)। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के बीकानेर स्थित राष्ट्रीय उष्ट्र अनुसंधान केंद्र की संस्थान प्रबंधन समिति (आईएमसी) की महत्वपूर्ण बैठक का गुरुवार को केन्द्र निदेशक डॉ आर्तबन्धु साहू की अध्यक्षता में आयोजित की गयी। इस बैठक में परिषद द्वारा मनोनीत विभिन्न संस्थानों के पदाधिकारियों ने भाग लिया। ऊँट को 'औषधि भण्डार' के तौर पर उपयोग में लाए जाने तथा उष्ट्र-पर्यटन क्षेत्र में विपुल संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए ऊँट दौड़ गतिविधि को बढ़ावा देने तथा इस हेतु 'कैमल रेसिंग ट्रैक' निर्माण पर चर्चा की गयी। केन्द्र निदेशक ने समिति को आश्वस्त करते हुए कहा कि संस्थान के प्रबंधन को और अधिक बेहतर व प्रभावी बनाने की दिशा में समिति सदस्यों से प्राप्त महत्वपूर्ण सुझावों का बेहतर क्रियान्वयन किया जाएगा। इस महत्वपूर्ण बैठक में केन्द्र निदेशक साहू ने समिति सदस्यों को केन्द्र से जुड़ी गतिविधियों तथा इनकी प्रगति के बारे में विस्तारपूर्वक अवगत कराते हुए कहा कि संस्थान के कुशल प्रबंधन हेतु आवंटित निधि, खर्च एवं कार्यों आदि को ध्यान में रखते हुए समयबद्ध निष्पादन किया गया। बैठक के दौरान समिति सदस्यों ने वर्षा के जल का संचयन करते हुए इसे जैविक खेती हेतु उपयोग में लाए जाने, उष्ट्र पालन से संबद्ध स्थानीय स्तर पर सुलभ समुदायों को संस्थान द्वारा अपनी प्रचार-प्रसार गतिविधियों में अधिकाधिक सम्मिलित किए जाने, ऊँटों को एक राज्य से दूसरे राज्य में परिवहन संबंधी नियमों की शिथिलता, ऊँटों की ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में उपयोगिता, केन्द्र द्वारा ऊँटों की प्रमुख नस्लों के रखरखाव में बढ़ोत्तरी किए जाने तथा ऊँटों की शारीरिक क्रियाओं का उन पर प्रभाव आदि विभिन्न मुद्दों एवं प्रस्तावों पर गहन चर्चा की गई। समिति सदस्यों में डॉ.आर.के सिंह, अधिष्ठाता, पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान कॉलेज, राजुवास, डॉ.विमला डुकवाल, प्रकाश विमल, बिजेन्द्र पुनिया, रामगोपाल सुथार ने भी विचार रखे। साथ ही एनआरसीसी के डॉ.आर.के.सावल, डा शिरीश नारनवरे एवं भरतकुमार आचार्य ने भी बैठक में भाग लिया।