जयपुर, 12 फरवरी (सीके न्यूज/छोटीकाशी)। कोणार्क कोर की बागडोर अब लेफ्टिनेंट जनरल पी.एस.मन्हास ने संभाल ली है। लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी, अति विशिष्ट सेवा मेडल, सेना मेडल, विशिष्ट सेवा मेडल ने यह बागडोर लेफ्टिनेंट जनरल पी एस मन्हास को सौंप दी। लेफ्टिनेंट जनरल पुरी ने अपने एक वर्ष के कार्यकाल के दौरान कोणार्क कोर को श्रेष्ठता की अधिक ऊंचाईयों तक पहुंचाया। डिफेंस पीआरओ लेफ्टिनेंट कर्नल अमिताभ शर्मा ने बताया कि लेफ्टिनेंट जनरल पी एस मन्हास मध्य भारत हार्स में कमीशन हुए थे। चार दशकों के अपने सेवा करियर के दौरान, उन्होंने भारत और विदेशों में प्रतिष्ठित कमांड, स्टाफ और प्रशिक्षक के रूप में अपनी सेवायें प्रदान की हैं। लेफ्टिनेंट जनरल पी एस मन्हास सैन्य पृष्ठभूमि से हैं। वह भारतीय सैन्य अकादमी, देहरादून के पूर्व छात्र हैं, जहां उन्हें अपने पाठ्यक्रम में सर्वश्रेष्ठ ऑल-राउंड प्रदर्शन के लिए प्रतिष्ठित ''स्वार्ड ऑफ ऑनर'' से सम्मानित किया गया। उन्होंने इजराइली सीमा पर लेबनान में संयुक्त राष्ट्र बल के साथ सेवा की है और वाशिंगटन डीसी में प्रतिष्ठित नेशनल वार कॉलेज कोर्स में भाग लिया है। वह भारत में रक्षा और सामरिक अध्ययन में एमएससी और मैरीलैंड, संयुक्त राज्य अमेरिका से राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति में एमएससी है। इससे पहले, अपने उत्कृष्ट करियर में, उन्होंने एक आर्मर्ड ब्रिगेड और एक आर्मर्ड डिवीजन की कमान संभाली है। उन्होंने अरुणाचल प्रदेश में वास्तविक नियंत्रण रेखा के कामेंग सेक्टर में फं्रटलाइन/सेंसिटिव ब्रिगेड के ब्रिगेड मेजर के रूप में भी काम किया है। अपने नए कार्यभार से पहले, वह मध्य भारत क्षेत्र के जनरल ऑफिसर कमांडिंग थे जिनकी जिम्मेदारी के क्षेत्र में मध्य भारत में छह राज्य थे। कोविड-19 महामारी के दौरान मध्यभारत क्षेत्र का उनका संचालन वास्तव में सराहनीय है। कोणार्क कोर की कमान संभालने पर, उन्होंने सैन्यवाद के उत्कृष्ट स्तर को प्राप्त करने के लिए सभी रैंको को युद्ध तत्परता और यथार्थवादी प्रशिक्षण के साथ परिचालन संबंधी तैयारियों पर ध्यान केंद्रित करने का समर्थन किया।
संयुक्त राष्ट्र बल के साथ इजराइली सीमा पर लेबनान में सेवा करने वाले लेफ्टिनेंट जनरल पी एस मन्हास ने कोणार्क कोर की बागडोर संभाली