उज्जैन। जैन धर्म के 23वें तीर्थंकर भगवान श्री पार्श्वनाथजी के जन्म कल्याणक महामहोत्सव पर यहां के रामघाट मार्ग स्थित शहनाई गार्डन में तीन दिवसीय अखंड भंडारे, भक्ति एवं विशेष पूजन का उल्लासमय कार्यक्रम गुरुवार से शुरू हुआ। श्री कृष्णगिरी शक्तिपीठाधीपति, राष्ट्रसंत, सर्वधर्म दिवाकर, परम पूज्य गुरुदेवश्री डॉ वसंतविजयजी महाराज साहेब की पावन निश्रा में गुरुवार सुबह चिंतामणि पार्श्वपूजन, श्रृंगार, आरती से कार्यक्रम का आगाज हुआ। इस दौरान संतश्रीजी ने विभिन्न दिव्य मंत्रों के उच्चारण के साथ पार्श्व प्रभु के जन्मोत्सव विशेष की अपरंपार महिमा का गुणगान किया। उन्होंने कहा कि वर्तमान युग में विश्व में मूलनायक पार्श्वनाथ भगवान के सर्वाधिक जिनालय विद्यमान है, परमात्मा की साधना-आराधना सहित तप, त्याग, नाम और दृष्टि की महिमा पर भी उन्होंने विस्तृत प्रकाश डाला। पूज्य गुरुदेव डॉ वसंतविजयजी ने पार्श्व प्रभु की भक्ति आराधना को सर्व कल्याणकारी बताते हुए कहा कि दुनिया के बड़े-बड़े आचार्यों, संतो ने प्रभु पार्श्वनाथजी की साधना व भक्ति करके कीर्ति पताका फ़हराई है। उन्होंने इस धरा पर शासन और चतुर्विध संघ की स्थापना करने वाले परमात्मा के जन्मोत्सव को खुशी एवं जोशीले अंदाज में मनाने की भी विशेष प्रेरणा दी। इस दौरान दोपहर 12 बजे से शहनाई गार्डन में देर शाम तक तीन दिनी भंडारे में सर्व धर्म-समाज के हजारों लोगों व संत-महात्माओं आदि ने प्रसाद ग्रहण किया। कार्यक्रम में शैलेंद्र प्रकाश तलेरा, पियूष चोरड़िया, सतीश दोषी, रितेश नाहर, अजय कटारिया, दिलावर सिंह, नीरज वर्मा, उमंग कोठारी, राकेश जैन, धर्मेंद्र प्रजापति, आयुष कुमार व प्रदीप बंसल सहित अनेक गुरुभक्तों ने सेवा में सहयोग किया। रितेश नाहर ने बताया कि आयोजन स्थल पर 27 शक्तिपीठों की प्रतिमाएं भी दर्शनार्थ स्थापित की गई है।
जन्म कल्याणक महोत्सव पर त्रिदिवसीय विशेष पूजन, भक्ति व विशाल भंडारे का आगाज / पार्श्व प्रभु की भक्ति आराधना सर्व कल्याणकारी : राष्ट्रसंत डॉ वसंतविजयजी म.सा.