राजस्थान के सभी सम्बद्ध इंजीनियरिंग कॉलेजों में नए सत्र के आरम्भ में आयोजित किया जाएगा 'ज्ञान दीक्षा कार्यक्रम'!


 



 


बीकानेर, 8 नवम्बर (छोटीकाशी डॉट पेज)। उच्च एवं तकनीकी शिक्षा जगत में किये जाने वाले नवाचार के लिए 'नवाचार के नवाब' के नाम से प्रख्यात शिक्षाविद एवं बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो एच.डी.चारण एक बार पुन: विद्यार्थियों में धर्म और अध्यात्म के प्रति जुड़ाव और उनकी वैदिक संस्कृति के प्रति उत्तरदायित्वों में जागरूकता पैदा करने के उद्देश्य से देव संस्कृति विश्वविद्यालय हरिद्वार एवं बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय के मध्य संपन्न हुए समझौता ज्ञापन के द्वारा प्रदेश के सभी सम्बद्ध इंजीनियरिंग कॉलेजों में सत्रारम्भ में विश्वविद्यालय का नवाचार 'ज्ञान दीक्षा कार्यक्रम' लागू करने जा रहे है, जो की पूर्व में नवीन अकादमिक सत्र के सत्रारम्भ पर परम्परागत रूप से आयोजित किए जाने वाले 'आमुखीकरण कार्यक्रम' की जगह लागू किया जाएगा । विश्वविद्यालय के सहायक जनसंपर्क अधिकारी विक्रम राठौड़ ने रविवार को आधिकारिक जानकारी देते हुए बताया की हाल ही में देव संस्कृति विश्वविद्यालय, हरिद्वार के प्रति कुलपति चिन्मय पंड्या एवं बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ एच. डी. चारण नें एक समझौता ज्ञापन संपन्न किया है जिसके अंतर्गत देव संस्कृति विश्वविद्यालय, हरिद्वार में किये जाने वाले ज्ञान दीक्षा कार्यक्रम को विश्वविद्यालय ने सभी सम्बद्ध इंजीनियरिंग कॉलेजो में नवाचार के रूप में लागू करने का निश्चय किया गया है। कुलपति चारण ने कहा कि विद्यार्थी जब स्नातक बनने के लिए एक संकल्प के साथ महाविद्यालय में प्रवेश लेता है, तभी वह स्नातक साधना के लिए दीक्षित होता है । जिस प्रकार अध्ययन समाप्त होने के पश्चात 'दीक्षांत समारोह' आयोजित किया जाता है उसी प्रकार यह अध्ययन के प्रारम्भ होने पर 'दीक्षारंभ समारोह' का नवीन रूप 'ज्ञान दीक्षा कार्यक्रम' है, जो की विद्यार्थियों को गुरु और शिष्य के संबंधो का अहसास कराती है। यह एक वैदिक विचारधारा है जो की हमारे भारतवर्ष की एतिहासिक शिक्षा संस्कृति पर बल देती है और उसके विद्यार्थियों में पुनर्जागरण का प्रयास करती है। देव संस्कृति विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति डॉ चिन्मय पंड्या ने कहा कि दोनों विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों शिक्षक लाभान्वित होंगे। हमारी संस्कृति विश्वविद्यालय का उद्देश्य है कि हम विद्यार्थियों ने अपनी धर्म और संस्कृति के प्रति जागरूकता पैदा कर सकें और उन्हें एक अच्छा नागरिक बनाकर देश के विकास में सर्वस्व समर्पित करने के लिए तैयार कर सकें। गौरतलब है कि बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय अपने नवाचारों और अभिनव कार्य योजनाओं को लेकर निरंतर तकनीकी शिक्षा के उन्नयन हेतु प्रयत्नशील है।