बीकानेर। संभाग मुख्यालय के युवा एवं एनर्जेटिक सामाजिक कार्यकर्ता तथा वर्तमान दौर में अपनी विशिष्ट शैली में एक जंगी कोरोना फाइटर के रुप में कार्य कर रहे जतिन सहल "मिलन" का मानना है कि जिनको कभी देखा नहीं, ऐसे अदृश्य ईश्वर के प्रति सभी की असीम आस्था होती है, लेकिन इस धरती पर मौजूद ईश्वर के स्वरुप में चिकित्सक सिर्फ चिकित्सक ही नहीं है निश्चित ही ईश्वर का दूसरा स्वरुप है। संभवतः जिस कमी को ईश्वर छोड़ देता है, उसको पूरी ईश्वर के रुप में ये चिकित्सक ही करते हैं। बक़ौल जतिन चिकित्सकों द्वारा कोरोना काल में अपनी जान को जोखिम में डालकर इस महामारी से जंग लड़ते हुए लाखों लोगों को जीवनदान दिया है। अनेक परिवारों को उजडऩे से बचाया है। ऐसे ईश्वरीय अवतार को शत-शत नमन है। जिस महामारी का इलाज आज दिन तक दुनिया ढूंढ नहीं पायी ऐसे में कोरोना जैसी महामारी से संक्रमित होने के बाद व्यक्ति की मानसिक स्थिति बेहद गंभीर बन जाती है ऐसे विकट समय में उन्हें हिम्मत देना, सही समय पर उचित इलाज करना बस यही ईश्वरीय अवतार कर सकते हैं। जतिन सहल कहते हैं सच मानें तो चिकित्सक के रुप में यह एक ईश्वरीय शक्ति है। "खुश रहने का सबसे अच्छा तरीका है किसी और को खुश रखने की कोशिश करना.." तथा "जमीन पर तो घर सभी ने बनाए हैं, दिलों में घर बनाने की कोशिश करने की जरूरत है..।" सरीखे अनेक सुविचारों को आत्मसात कर लगभग हर जरूरतमंद के अवश्यम्भावी मददगार बनने वाले स्वयं 37 वर्षीय जतिन सहल अपने हाल के करीब छः माह के अनुभव साझा करते हुए कहते हैं कि कोरोना महामारी के पहले ही दिन से बिना रुके, बिना थके हजारों लोगों का इलाज करके लगभग सभी संक्रमितों को जीवनदान प्रदान करने वाले बीकानेर के डॉ गुंजन सोनी, डॉ परमिंदर सिरोही व डॉ प्रमोद ढकराल सहित टेस्टिंग लैब से जुड़ी अंजली गुप्ता मैडम व अभिषेक बिन्नानी इत्यादि को सेल्यूट करता हूं। इनकी सेवा और समर्पण भाव को नमन करता हूं। यही नहीं, इनके साथ-साथ देश के सभी चिकित्सकों को भी नमन करता हूं जिनकी वजह से आज देश के लाखों नागरिक सुरक्षित है। जतिन अपने समूह के युवा सदस्यों-मित्रों के सहयोग से शीघ्र ही प्लाज़मा के लिए एप्लिकेशन एप्प भी लॉन्च करेंगे।