देश की प्रगति के लिए सत्यनिष्ठ व कर्तव्यनिष्ठ बनें : पूज्य गुरुदेव डॉ वसंत विजय जी महाराज साहेब 



 


देश की प्रगति के लिए सत्यनिष्ठ व कर्तव्यनिष्ठ बनें : पूज्य गुरुदेव डॉ वसंत विजय जी महाराज साहेब 


मैया नवरात्रों में जब धरती पर आती है..


कोरोना गाइडलाइंस में माँ की भक्ति-आराधना व अन्नदान कार्यक्रम जारी


भटवारी-उत्तरकाशी। विश्वविख्यात श्री कृष्णगिरी पार्श्व पद्मावती शक्तिपीठ धाम के पीठाधीपति, राष्ट्रसंत, परम पूज्य गुरुदेवश्री डॉ वसंत विजय जी महाराज साहेब ने नवरात्रि पर्व पर अपना संदेश देते हुए कहा है कि जगत जननी जीवनदायिनी मां की भक्ति ही प्रगति, मुक्ति और मोक्ष का मार्ग है। भक्ति की शक्ति एवं महिमा पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि नवरात्रि के पर्व पर मां इस धरा के जीवों का कल्याण करने के लिए आती है, ऐसे समय में व्यक्ति को श्रद्धावान होकर ममतामयी मां की भक्ति करके कृपा प्राप्त करनी चाहिए। देवभूमि उत्तराखंड प्रान्त के हिमालय की वादियों में गंगा तट के समीप स्थित उत्तरकाशी भटवारी कस्बे के हिमालयन योग आश्रम (पायलट बाबा) में साधनारत संतश्रीजी ने कहा कि अध्यात्म और भक्ति का नशा क्या होता है यह उसे ही पता चलता है जो इस नशे में गोता लगाता है। निश्चित ही उसका हृदय निर्मल हो जाता है। राष्ट्रसंत डॉ वसंतविजयजी महाराज साहेब ने हर व्यक्ति का भला सोचने की सीख देते हुए कहा कि तरक्की भी आएगी, मददगार व्यक्ति के लिए तरक्की के मायने भी बदल जाएंगे। साथ ही वर्तमान दौर में प्रत्येक व्यक्ति के लिए अपने प्रेरणादायक संदेश में उन्होंने यह भी कहा कि मनुष्य को सत्यनिष्ठ व कर्तव्यनिष्ठ बनना होगा, तभी व्यक्ति का परिवार व हमारा समाज तथा देश वैश्विक स्तर पर प्रगति की राह में अग्रसर होगा। भटवारी स्थित हिमालयन आश्रम में संतश्रीजी की निश्रा एवं प्रेरणा से नवरात्रि पर्व को कोरोना गाइडलाइंस के तहत नित्य पूजा, भक्ति, जाप-आराधना व जरूरत मंदों को अन्नदान-भोज प्रसाद वितरण के कार्यक्रम के साथ मनाया जा रहा है। उन्होंने नवरात्रि की सभी को बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए कहा कि बुराई पर अच्छाई के प्रतीक नवरात्रि पर्व पर महागौरी, मां दुर्गा व मां पद्मावती के आशीर्वाद से सभी के जीवन में सुख, शांति, आरोग्य व समृद्धि आएगी। संतश्रीजी ने इस दौरान ढोल नगाड़े की धुन पर मां को रिझाने के भक्ति भरे भजन प्रस्तुत किए। इनमें "जा रे जा पंछी मां के धाम संदेशा कहियो..., मैया नवरात्रों में जब धरती पर आती है किस को क्या देना है यह सोचकर आती है.., दुर्गा मां जोत तेरी जलती रहे.., भक्तों को दर्शन दे गई रे एक छोटी सी कन्या.., मां देख तेरा सिंगार करे मन नाचण दा.., जय जग जग जननी.." सरीखे अनेक भजन प्रस्तुत किए व जयकारे लगवाए। कार्यक्रम में संकेश भाई जैन, रितेश कुमार, सतीश दोषी, उत्तम जैन सहित अनेक श्रद्धालु जनों ने मां की भक्ति में भाग लिया।