बीकानेर, 04 अक्टूबर (छोटीकाशी डॉट पेज)। राजस्थान के बीकानेर स्थित इंजीनियरिंग कॉलेज के दो प्रोफेसर द्वारा एक ऐसा ड्रोन निर्मित किया गया है जो 10 किलो वजन की फायर बॉल्स को 20 मिनट तक आकाश में रहकर, 20 से 25 वर्गमीटर में फैली आग को तुरंत बुझा सकता है। कॉलेज के असिस्टेंट प्रोफेसर मेघा श्याम राजू व डॉ. धर्मेंद्र सिंह ने इसका सफलतापूर्वक परीक्षण भी किया है। ईसीबी प्राचार्य डॉ. जयप्रकाश भामू ने बताया कि यह ड्रोन टिड्डी दल के हमले के दौरान 2 एकड़ क्षेत्रफल में कीटनाशक छिड़कने में भी सक्षम है जो किसानों व सरकार को बहुत बड़ी राहत प्रदान करेगा। इसके माध्यम से कोरोना काल में भीड़-भाड़ वाली जगहों में मनुष्य के शारीरिक तापमान से सम्बन्धित जानकारी भी उपलब्ध हो सकती है, जिससे इसके फैलाव को रोकने में मदद मिलेगी। यह लडार सेंसर व इमेज प्रोसेसिंग तकनीक से सुसज्जित है जो कि किसी भी क्षेत्र की मैपिंग कर सकेगा। इस प्रोजेक्ट से ईसीबी के छात्रों को ट्रेनिंग दिलवाकर उनके लिए प्लेसमेंट के नए अवसर मुहैया करवाए जायेंगे, साथ ही सरकारी व प्राइवेट सेक्टर में कंसल्टेंसी प्रोजेक्ट्स शुरु किये जा सकेंगे। भामू ने यह भी बताया कि ईसीबी के मैकेनिकल विभाग को विश्व बैंक के टैक्वीप-3 कार्यक्रम के अंतर्गत आई.ओ.टी. के क्षेत्र में एनपीआईयू द्वारा आवंटित प्रोजेक्ट एक्टुएटर डिजाइन एवं आईओटी बेस्ड फायर फाइटिंग जोन का डिजाइन एवं उसका सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया है। यह राजस्थान में ड्रोन आधारित अपनी तरह का नवीनतम रिसर्च प्रोजेक्ट है जो ईसीबी में शोध के नए आयाम स्थापित करेगा। यह ड्रोन 5 किलोमीटर की रेंज में किसी भी जीपीएस लोकेशन पर अपने आप पहुंच सकता है। विभागाध्यक्ष डा. चंद्रशेखर रजोरिया, टैक्वीप को-ऑर्डिनेटर डॉ. जाखड़, डॉ. मनोज कुड़ी, डॉ. नवीन शर्मा व डॉ. राजेंद्र सिंह शेखावत ने भी विविध जानकारी दी।