पूर्व राष्ट्रपति डॉ. राधाकृष्णन से मिली निरंतर ज्ञानदान की प्रेरणा : डॉ संजय


पूर्व राष्ट्रपति डॉ. राधाकृष्णन से मिली निरंतर ज्ञानदान की प्रेरणा : डॉ संजय


पुणे के सूर्यदत्ता ग्रुप ऑफ़ इंस्टीट्यूट में कार्यक्रम


पुणे। "कोरोना महामारी संकट को अवसर मानते हुए शिक्षकों ने नई तकनीक अवगत कर के ज्ञानदान का कार्य जारी रखा है। इस काल में सभी शिक्षक ऑनलाईन, ई-लर्निंग के माध्यम को आत्मसात कर रहे है। किसी भी स्थिति में ज्ञानदान यज्ञ ना रुके, यह प्रेरणा हमें भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन से मिली है।" यह विचार सूर्यदत्ता ग्रुप ऑफ इन्स्टिट्यूट के संस्थापक अध्यक्ष प्रा. डॉ. संजय चोरडिया ने व्यक्त किए। राष्ट्रीय शिक्षक दिवस पर सूर्यदत्ता ग्रुप द्वारा डॉ. राधाकृष्णन को अभिवादन किया गया। इस समय मुख्य विकास अधिकारी डॉ. एस. रामचंद्रन, मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रा. डॉ. शैलेश कासांडे, अधिष्ठाता डॉ. प्रतीक्षा वाबळे, कार्यकारी संचालक प्रा. अक्षित कुशल, प्रा. सुनील धाडीवाल आदी उपस्थित थे। डॉ. संजय चोरडिया ने कहा, "शिक्षण क्षेत्र के साथ पुरे विश्वभर में सभी क्षेत्रो को बड़ा नुकसान पंहुचा है लेकिन, स्टूडेंट्स का भविष्य उज्ज्वल हो, उनकी शिक्षा में बाधा न पहुंचे इसलिए सभी शिक्षकों ने ऑनलाइन, ई-लर्निंग की पद्धति अपनाई है। वे अत्याधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करते हुए, ऍनिमेशन, अप्लिकेशन, मोबाईल, इंटरनेट द्वारा छात्र को शिक्षक का ज्ञानदान कर रहे है। डिजिटायझेशन का स्वीकार करते हुए पढ़ाने की पद्धति बदली है। छात्रों में इनोवेशन, लीडरशिप, स्किल्ड, विक्सित होने के लिए सभी शिक्षक योगदान दे रहे है।" उन्होंने विश्वास जताया कि, सूर्यदत्ता संस्था के शिक्षक भविष्य में भी अत्याधुनिक तकनीक के इस्तेमाल के साथ ज्ञानदान का कार्य जारी रखेंगे। "हमें जानकारी देनेवाला अध्यापक है। जानकारी के साथ ज्ञान देनेवाला उपाध्याय होता है। कौशल्य देनेवाला आचार्य, डीप नॉलेज देनेवाला पंडित, दिशा देनेवाला दृष्टा, और अपने अंधकारमय जीवन को प्रकाशमान बनानेवाला गुरु कहलाता है। वे बोले, सूर्यदत्ता ने अपने पुरे कार्यकाल में छात्र के सर्वांगीण विकास पर जोर दिया है।