न्यूजडेस्क। आमतौर पर सरकार या किसी समूह के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट मुहर लगाता है, लेकिन अयोध्या में मंदिर निर्माण के सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर अब हिन्दू देवी देवाताओं की प्रतिमाओं ने मुहर लगाई है। गत वर्ष जब सुप्रीम कोर्ट ने मंदिर के पक्षकारों के पक्ष में फैसला दिया था, तब अनेक राजनीतिक दलों के नेताओं ने आपत्ति की थी। सुप्रीम कोर्ट के तबके प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई पर भी छींटाकशी की गई, लेकिन अब जब अयोध्या में भव्य मंदिर निर्माण के लिए जन्म भूमि स्थल को खोदने एवं समतल करने का कार्य किया जा रहा है, तब जमीन के अंदर से हिन्दू देवी देेवताओं की प्रतिमाओं के अवशेष निकल रहे हैं। इससे साफ जाहिर है कि इसी स्थान पर राम मंदिर बना हुआ था। यानि सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या की विवादित भूमि को हिन्दू पक्षकारों की मान कर कोई गलती नहीं की। सुप्रीम कोर्ट ने प्रस्तुत सबूत और दस्तावेजों के आधार पर ही भूमि को रामजन्म भूमि माना था। अब जब जमीन के अंदर से देवी देवताओं की प्रतिमाएं निकल रही है, तब यह बात भी साफ हो गई है कि बावरी मस्जिद का ढांचा भी मंदिर को तोड़ कर बनाया गया था। सब जानते हैं कि भारत की पहचान ही सनातन संस्कृति से है और भगवान राम, महादेव शिव, ब्रह्मा, विष्णु, गणेश, दुर्गा आदि सभी सनातन संस्कृति के प्रतीक हैं। यह हो सकता है कि कुछ आक्रमणकारियों ने हमारी सनातन संस्कृति को नष्ट करने का प्रयास किया, लेकिन अब ऐसे प्रयासों के सबूत भी जमीन के अंदर से निकल रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट मेें सुनवाई के दौरान हिन्दू पक्षकारों की ओर से कई बार कहा गया कि यह आस्था का मामला भी है, लेकिन जब विरोधी पक्षकारों के वकील कपिल सिब्बल की ओर से कहा गया कि सुप्रीम कोर्ट आस्था के आधार पर फैसला नहीं दे सकती। सिब्बल का तर्क रहा कि मंदिर को तोड़कर मस्जिद को बनाने का कोई सबूत नहीं है। सिब्बल और विरोधी पक्ष के अपने तर्क हो सकते हैं लेकिन यह सनातन संस्कृति की आस्था का ही तप रहा कि अब जमीन के अंदर से प्रतिमाएं निकल रही है। सनातन संस्कृति में ही माना जाता है कि मानो तो देवता न मनो तो पत्थर है। अब मस्जिद के ढांचे वाले स्थान की जमीन के अंदर से ही शिवलिंग, गणेश, पुष्पकलश व नक्कशी वाले स्तंभ आदि निकल रहे हैं। भारत में रहने वालों को अब यह मानना पड़ेगा कि यह देश सनातन संस्कृति वाला देश है। दुनिया में सनातन संस्कृति ही है, ऐसी संस्कृति है जो सभी को साथ लेकर चल सकती है। यूं तो दुनिया में ऐसी भी संस्कृति हैं जो सिर्फ अपने धर्म को सर्वोपरि मानती है, लेकिन भारत की सनातन संस्कृति में सभी धर्मों के लोग स्वतंत्रता के साथ रह सकते हैं। जो लोग अब तक अयोध्या में मंदिर निर्माण का विरोध कर रहे थे, उन्हें अब जमीन के अंदर से निकले अवशेषों पर भरोसा करना चाहिए।
(साभार : एसपी.मित्तल)
अयोध्या में रामजन्म स्थल की जमीन के अंदर हिन्दू देवी देवताओं की प्रतिमाओं के अवशेष मिलने का मतलब सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर मुहर लगना है.., यानि मस्जिद का ढांचा भी मंदिर को तोड़कर बनाया गया!