बीकानेर, 15 अप्रेल। सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय की अनुपालना में एवम् राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जयपुर के निर्देशानुसर बीकानेर स्थित जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से बुधवार को देश व्यापी लॉक डाउन के दौरान कारागृहों में बंद बंदियों को कोरोना माहमारी के संक्रमण से बचाने एवम् भीड़ कम कर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने के उद्देश्य से बंदियों के जमानत आवेदन भरवाकर सुनवाई की गयी। प्राधिकरण के सचिव एवम् अपर जिला एवम् सेशन न्यायाधीश पवन कुमार अग्रवाल ने बताया कि कारागृह में निरूद्ध ऐसे बंदी जिनके विरूद्ध अधिकतम 7 वर्ष तक के कारावास से दंडनीय अपराध का आरोप हो एवम् उनके विरूद्व कोई मुकद्मा विचाराधीन न हो एवम् अपराध प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट की और से विचारणीय योग्य हो, ऐसे मामलों में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से केन्द्रीय कारागृह बीकानेर के कुल 27 बंदियों के आवेदन ड्यूटी मजिस्ट्रेट के समक्ष प्रस्तुत किए गए। जिनमें से 17 बंदियों के जमानत आवेदन स्वीकार किए गये। इनमें से 02 ड्यूटी सेशन न्यायाधीश के समक्ष अन्तर्गत धारा 439 सीआरपीसी पेश किये गये जिसमें से 01 आवेदन सेशन न्यायालय से स्वीकृत किया गया। इस प्रकार बिना अधिवक्ता व बिना किसी दलील के जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, बीकानेर के माध्यम से कुल 18 बंदियों के जमानत आवेदन पत्र स्वीकार किये गये साथ ही जेल अधीक्षक को बंदियों के मध्य शयन में पर्याप्त दूरी रखे जाने, करागृहों की नियमित सफाई किए जाने एवं फिनाईल का पौंछा लगाने आदि की जानकारी दी।
Bikaner Corona Lockdown : बिना किसी अधिवक्ता व दलील के जमानत पर रिहा किए गए 18 बंदी
• ChhotiKashi Team