यूनेस्को ने वर्ल्ड हैरिटेज सिटी का प्रमाण पत्र सौंपा




जयपुर।
अपनी कला, स्थापत्य और संस्कृति के लिए विश्व में एक खास पहचान रखने वाले गुलाबी नगर जयपुर के सम्मान में एक और सितारा तब जुड़ गया जब यूनेस्को की महानिदेशक श्रीमती ऑड्रे अजोले ने अलबर्ट हॉल पर आयोजित समारोह में स्वायत्त शासन एवं नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल को जयपुर का वर्ल्ड हैरिटेज सिटी का प्रमाण पत्र प्रदान किया। इस अवसर पर पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह, कला व संस्कृति मंत्री डॉ. बी.डी.कल्ला, परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास, मुख्य सचैतक महेश जोशी, विधायक अमीन कागजी, श्रीमती कृष्णा पूनिया, मुख्य सचिव डीबी गुप्ता, प्रमुख शासन सचिव पर्यटन विभाग श्रेया गुहा, आयुक्त नगर निगम विजय पाल सिंह, पर्यटन विभाग के निदेशक भंवर लाल सहित प्रशासनिक अधिकारी, जन प्रतिनिधि एवं शहरवासी मौजूद रहे। यूनेस्को की महानिदेशक श्रीमती ऑड्रे अजोले ने कहा कि मुझे जयपुर आकर बहुत खुशी हुई। मैं यूनेस्को के हेड क्वार्टर पैरिस से एक संदेश लेकर आई हूँ। जयपुर के लोगों द्वारा एक सतत् भविष्य के निर्माण के लिए सांस्कृतिक विरासत का जो संरक्षण किया गया है उन प्रयासों को अन्तर्राष्ट्रीय समुदाय ने मान्यता प्रदान की है। यह गर्व का विषय है कि यूनेस्को द्वारा जयपुर परकोटा शहर को विश्व विरासत सूची में अंकित किया गया है। इसमें कोई दो राय नही है कि जयपुर अपनी विशिष्ट प्लानिंग के लिए पहले से ही विश्व में एक प्रतिष्ठित शहर है। इसकी वास्तु कला, किले, महल और खगोलिये निर्माण इसे दुनिया का अद्भुत शहर बनाते है। लेकिन यह शिला लेख (वल्र्ड हैरिटेज सिटी) की सूची में शामिल होना, भविष्य के लिए इस सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने की एक संयुक्त प्रतिबद्धता है। पश्चिमी राजस्थान में ईन्टेन्जेबल हैरिटेज प्रमोशन प्रोजेक्ट के तहत 10 नये सांस्कृतिक गन्तव्य स्थल विकसित किये जा रहे है। जोधपुर, बाड़मेर, बीकानेर और जैसलमेर में इन सांस्कृतिक केन्द्र के विकसित होने से पर्यटन को नई दिशा एवं नये आयाम मिलेंगे और वहा के स्थानिय कलाकारो को एक नई पहचान मिलेंगी। इस अवसर पर यूनेस्को और पर्यटन विभाग के बीच हाल ही में हुए एमओयू के आधार पर शुरू किये जा रहे ईन्टेन्जेबल हैरीटेज प्रमोशन प्रोजेक्ट के ब्राउसर का भी विमोचन यूनेस्को महानिदेशक एवं अतिथियों द्वारा किया गया। पर्यटन मंत्री ने यूनेस्को महानिदेशक को केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान के भ्रमण के लिए भी आमंत्रित किया। इस अवसर पर आयोजित रंगारंग सांस्कृतिक संध्या में जाने-माने कलाकारों द्वारा कालबैलिया, कत्थक, लाल आंगी गेर, चरी, भवाई नृत्य पेश किये गये। प्रसिद्ध कौरियोग्राफर पदम्श्री बंशीकोल के निर्देशन में हुए इस कार्यक्रम में लंगा मांगणियार की फॉक सिम्फनी एवं भपंग वादन ने लोगों की जबरदस्त तालियां बटौरी।