बीकानेर, 20 दिसम्बर (छोटीकाशी डॉट पेज)। राजस्थान के बीकानेर में शिकारी कुत्तों का आतंक इतना भयंकर विकराल रुप ले रहा है कि अब न केवल गौवंश बल्कि हिरण, छोटे पशु भी उनका शिकार हो रहे हैं। ओर तो ओर कई बार तो अकेले विचरण कर रहे लोगों पर भी ये शिकारी कुत्ते टूट पड़ते हैं। भागीरथ नंदिनी संस्था के अध्यक्ष मिलन गहलोत ने बताया कि समीपवर्ती उपनगर सुजानदेसर-भीनासर शरह नथानिया गोचर भूमि में गोचर भूमि जो लगभग 40 हजार बीघा है वहां बेसहारा गौवंश, अन्य पशुओं के लिए ही है बारिश के दौरान सूखा चरने के लिए गौवंश पहुंचता है लेकिन आवारा शिकारी कुत्ते इन गोचर भूमि में पहुंचकर गोवंश, छोटे बछड़े, वृद्ध गौवंश व हिरण का शिकार रोजाना करते हैं जिसकी जानकारी प्रशासन को भी दी जा चुकी है, लेकिन प्रशासन द्वारा इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा। संस्था द्वारा तत्कालीन कलेक्टर डॉ. पृथ्वीराज के समय शिकायत पर आवारा कुत्तों को पकड़कर जोधपुर के डॉग हाऊस लेकर गए लेकिन वहां ज्यादा कुत्ते होने से मना कर दिया गया। इस सम्बन्ध में भागीरथ नंदनी संस्था ने कई बार जानकारी देते हुए ज्ञापन, प्रदर्शन भी किया है। नगर निगम प्रशासन कुत्तों को एक मोहल्ले से एक वार्ड से लेकर के दूसरे वार्ड में छोड़ देते हैं जिससे आमजन को भी तकलीफों का सामना करना पड़ता है। यदि संभाग मुख्यालय पर डॉग हाउस बना दिया जाए तो इन सब चीजों का इलाज हो सकता है। डॉग हाउस बनाने से इस शहर की गंदगी पर भी नियंत्रण होगा।
आवारा-शिकारी कुत्तों से गौवंश को बचाने के लिए बीकानेर में 'डॉग हाऊस' की मांग पकड़ रही जोर