बीकानेर। भाषा, साहित्य, संस्कृति, शोध व कला के क्षेत्र में 60 वर्षों से कार्यरत और अपनी गतिविधियों के लिए पूरे देश में ख्यात राष्ट्र भाषा हिंदी प्रचार समिति, श्रीडूंगरगढ़ को दिया जाएगा इस वर्ष का महाकवि कन्हैयालाल सेठिया राजस्थानी भाषा सेवा सम्मान। सम्मान के निर्णय की घोषणा करते हुए मरुदेश संस्थान के अध्यक्ष डॉ घनश्याम नाथ कच्छावा ने बताया कि यह सम्मान उन संस्थाओं, संगठनों और प्रतिष्ठानों को दिया जाता है जो मातृभाषा राजस्थानी के प्रचार प्रसार हेतु निष्ठापूर्वक कार्य कर रहे है। साहित्य अकादमी, दिल्ली, राजस्थान साहित्य अकादमी, उदयपुर की सम्बद्ध संस्था राष्ट्र भाषा हिंदी प्रचार समिति विगत साठ बरसों से निरंतर सक्रिय रूप से कार्य कर मातृभाषा और राष्ट्र भाषा की सेवा कर रही है। राजस्थानी की सबसे पुरानी 44 वर्षों से निरंतर प्रकाशित हो रही पत्रिका राजस्थली और 25 वर्षों से शोध की पत्रिका जूनी ख्यात इसी संस्था के प्रकाशन है। कार्यक्रम संयोजक शिक्षाविद डॉ हेमंत कृष्ण मिश्र ने बताया कि साहित्य मनीषी कन्हैया लाल सेठिया की बारहवीं पुण्य तिथि पर जिला कलक्टर नागौर डॉ जितेंद्र कुमार सोनी के मुख्य आतिथ्य में आगामी ग्यारह नवम्बर को प्रात: ग्यारह बजे सेठ सूरजमल तापडिय़ा आचार्य संस्कृत महाविद्यालय, जसवन्तगढ़ में आयोजित एक समारोह में यह सम्मान दिया जायेगा। कोरोना एडवाइजरी की पूर्ण पालना में आयोजित इस समारोह में गणमान्यजन भाग लेंगे। आयोजन की तैयारियों को अंतिम रूप देने के लिए संस्था के सचिव कमलनयन तोषनीवाल, किशोर सैन, सुमनेश शर्मा, रतनलाल सैन सहित अनेक जुटे है।
राष्ट्र भाषा हिंदी प्रचार समिति श्रीडूँगरगढ़ को मिलेगा इस वर्ष का कन्हैया लाल सेठिया राजस्थानी भाषा सेवा सम्मान